छ.ग. धीवर समाज ...
अनादिकाल से मानव ने अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति एवं अपनी सर्वांगीण विकास के लिये समाज का निर्माण किया ।
महर्षि श्री वेदव्यास एवं श्री पराशर मुनी तथा गुहा-निषाद का संतान हमारा धीवर (ढीमर) समाज उनमें से एक है।
प्रत्येक व्यक्ति का समान रूप से सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं मानवीय गुणों का विकास करना समाज का वास्तविक अर्थ है।
छत्तीसगढ़ धीवर (ढीमर) कुटुम्ब भाईयों की एक महा समिति होगी जिसमें परगना परिषद के प्रमुख 18 पदाधिकारियों द्वारा गुप्त मतदान से
अध्यक्ष, महासचिव एवं कोषाध्यक्ष की सलाह से किया जावेगा। महासभा में एक सलाहकार समिति होगी
जिसमें प्रत्येक परगना के अध्यक्ष एवं सचिव अनिवार्यतः सदस्य होंगे।
धीवर समाज अर्थात् ढीमर जाति के सामाजिक एकता एवं संगठन को मजबूती करते हुए आर्थिक, शैक्षणिक तथा राजनैतिक परिस्थितयों के अनुसार सुधार हेतु प्रयत्न करना ।
सामाजिक प्रकरण विवादों को सुलझाना ।
समयानुसार अनावश्यक बढ़े खर्चों पर रोक लगाना ।
निर्धन-छात्र सहायता कोष तैयार करना ।
निरक्षरता दूर करने एवं जनगणना करने संबंधी योजनाबद्ध कार्य करना ।
छात्रावास भवन एवं सांस्कृतिक भवन का निर्माण करना ।
धीवर समाज की विभिन्न समस्याओं के प्रति शासन का ध्यान आकर्षित करना ।