धीवर (ढीमर) समाज के गोत्र

    
सपहा फुटान बरपियाग मिरिपियाग
कोसरिया हिरवानी रिगरी रगरा
सपही चवर बबर सरप सार्वा
सार्वे मटियारा लोहमार लहीमोर
बघमार जगबेढ़हा फरिकार घम्फोरिया
सोनवानी कस्तूरिया बंजर बंजारे
बंजारी सोनार सित धरमगुड़ी पेंदरिया
सराव सिंग सार्वा अडिलवंश कांटा झोरी
पंडरिया ओझा सोनामुंदी लैकोठी
गायग्वाल कश्यप रायल घीलोहरा
रैला रेगे दुर्गासी गुरु पहचान
तौली सिंगार कोसे धिवलहरे भारद्वाज
फरकी लेंजवारा नागर हथनागर
ओझहा लंजियारा सोनमुद्रिका गुरुवाणी
सिद्ध सोनार रिगरे मिर्चवाणी करैत
भैंसा भुसकुट्टी आड़ील मूक पहचान
गुरु परख धुन बैताल गुर्वेकर बघेल
रायकोपंड लगरा मेंगराज ढेलफोर
रुगरा सोनामोदी रेंजवाड़ा सूर्यवंशी
राउतराय चोरमार धरमगढ़ी ग्वालवंश
सुवासरी धरमगुड़े जगबीरहा झगरा
लहमोर गर्रा टीकाम उल्लू
बैगुर जगतजोत डूडीमासी बरमया
गेलहारी मुरली सार्वा घुघवा काशी
लाख जंगरिया मरकाम पड़वार मरावी
बेलकरिया रौतिया बड़े रौतिया घुरवा
ढूकजंगरिया राजा देवार सोन सोनवानी बम्बार
लुकुटी वरपियारा चावर कुढान
साखा लेसवादा राहिला


विशेष :- ढीमर समाज के कुछ प्रमुख गोत्रों में भाई-बहन के रूप में माने जाते है, जिनके कारण इन गोत्रों के मध्य विवाह सम्पन्न नहीं होगा !